राजस्थान प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के मुद्दे पर पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बीच पिछले 73 दिन से जारी रस्साकशी आख़िरकार ख़त्म हो गई। राज्यसभा सांसद मदन लाल सैनी अब प्रदेश में पार्टी के नए अध्यक्ष कप्तान होंगे। वे अशोक परनामी की जगह लेंगे, जिन्होंने 16 अप्रैल को इस्तीफ़ा दे दिया था। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को प्रदेशाध्यक्ष बनाना चाहते थे, लेकिन मुख्यमंत्री वुसंधरा राजे ने इस पर सहमति व्यक्त नहीं की। पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने राजे को राज़ी करने के लिए सभी जतन किए, लेकिन मुख्यमंत्री टस से मस नहीं हुईं। यानी मोदी-शाह की पसंद पर वसुंधरा का वीटो भारी पड़ गया।
मदनलाल सैनी झुंझुनूं के गुढ़ा (उदयपुरवाटी) विधानसभा से पूर्व में विधायक रहे हैं। इसके बाद इन्होंने झुंझुनूं लोकसभा सीट से सांसद का चुनाव लड़ा, लेकिन बहुत कम अंतर से हार का सामना करना पड़ा। सैनी जनसंघ के समय से राजनीति में सक्रिय है। वे आरएसएस प्रचारक रहे एवं पूर्व में भारतीय मजदूर संघ से जुड़कर काम किया। भाजपा प्रदेश महामंत्री, अनुशासन समिति के प्रदेश अध्यक्ष रहे। सैनी वर्तमान में भी भारतीय जनता पार्टी की अनुशासन समिति का काम देख रहे हैं। इसके अलावा प्रदेश प्रशिक्षण प्रभारी की जिम्मेदारी भी इनके पास है। माना जा रहा है कि मदनलाल के अध्यक्ष बनने से सैनी समाज के बीजेपी से जुड़ेगा लेकिन कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के रहते यह संभावना कम ही है क्यूंकि वे भी सैनी (माली) समाज से ही आते हैं।
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने रीट्वीट करते हुए बधाई दी “भारतीय जनता पार्टी राजस्थान के नवनिर्वाचित अध्यक्ष, राज्यसभा सांसद श्री मदनलाल सैनी जी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं…आपके कुशल नेतृत्व में संगठन और अधिक ऊंचाइयों को प्राप्त करेगा, आपको यशस्वी कार्यकाल की शुभकामनाएं…”