राजस्थान माल और सेवा कर विधेयक (GST Bill), 2017 पारित

तेलंगाना और बिहार के बाद राजस्थान बुधवार को राजस्थान में भी राज्य वस्तु एवं सेवा कर (GST) बिल पारित हो गया।राजस्थान विधानसभा के आठवें सत्र के दूसरा चरण के अंतिम दिन राजस्थान माल और सेवा कर विधेयक, 2017 संशोधित रूप में ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। उद्योग मंत्री श्री राजपाल सिंह शेखावत ने विधेयक को सदन में प्रस्तुत किया। विधेयक पर हुई बहस का जवाब देते हुए उद्योग मंत्री ने कहा कि यह ऎतिहासिक दिन है, जब राजस्थान इस विधेयक को पारित करने के साथ देश में करों की जटिलता को समाप्त कर विकास दर को बढ़ाने में अपना योगदान दे रहा है। श्री शेखावत ने कहा कि भारत में कर की अवधारणा प्राचीन समय से ही विद्यमान रही है। ऋग्वेद और अथर्ववेद में करों की प्रासंगिकता और सरलता उल्लेखित है और चाणक्य ने भी कहा है कि करों को जटिल नहीं होना चाहिए।
शेखावत ने कहा कि करों की जटिलता अपने आप में ही एक कर है। इसी वजह से इस विधेयक के माध्यम से करों की जटिलता को कम किया जा रहा है और देश की अर्थव्यवस्था को प्रगतिशील अर्थव्यवस्था में बदलने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों में कई प्रकार के कर होने की वजह से देश की अर्थव्यवस्था में कई अर्थव्यवस्थाएं काम कर रही थीं। साथ ही इसमें जटिलता होने से भ्रम की स्थिति भी सामने आती थी और कई विधिक समस्याएं भी थीं। ऎसे में माल और सेवा कर देश के विकास की रफ्तार को आगे बढ़ाने वाला साबित होगा। उन्होंने कहा कि माल और सेवा कर से सभी कर एक हो जाएंगे और इससे करारोपण का तरीका भी बदलेगा। श्री शेखावत ने कहा कि तेरहवें वित्त आयोग ने माल और सेवा कर लाए जाने से देश के सकल घरेलू उत्पादन में 1.7 प्रतिशत की वृद्वि का अनुमान लगाया है। उन्होंने कहा कि कुछ अन्य अनुमानों के अनुसार यह वृद्धि 4 प्रतिशत से अधिक हो सकती है।

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