20 दिसंबर को जयपुर-अजमेर हाईवे पर हुए एलपीजी टैंकर ब्लास्ट में घायल एक और व्यक्ति की मौत हो गई। अजमेर निवासी सलीम ने शनिवार सुबह सवाई मानसिंह (SMS) हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया। सलीम 55% झुलस गए थे। हादसे में अब तक कुल 20 लोगों की मौत हो चुकी है। अब अस्पताल में 12 मरीज भर्ती हैं, जिनमें से 4 की हालत गंभीर है। डॉक्टरों की टीम इन मरीजों को बचाने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है।
जयपुर-अजमेर हाइवे पर भांकरोटा हादसे के एक हफ्ते बाद एनएचएआई (भारतीय राष्टीय राजमार्ग प्राधिकरण) का एक्शन हुआ है। हाइवे पर बने अवैध कट को लेकर एनएचएआई, पुलिस, परिवहन व प्रशासन के अधिकारियों की लापरवाही सामने आ रही थी। इसी के चलते एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी दिनेश कुमार चतुर्वेदी पर गाज गिरना बताया जा रहा है। केन्द्रीय परिवहन मंत्रालय ने चतुर्वेदी की जगह अब अब्दुल बासित को जयपुर में क्षेत्रीय अधिकारी लगाया है। चतुर्वेदी का तबादला दिल्ली मुख्यालय पर किया गया है। भांकरोटा हादसे के कारणों को लेकर जिम्मेदार विभाग एक-दूसरे पर आरोप लगाते आ रहे हैं।
20 दिसंबर 2024 को जयपुर-अजमेर हाईवे पर एलपीजी टैंकर में ब्लास्ट हो गया था। इससे एलपीजी गैस भांकरोटा में करीब 500 मीटर एरिया तक फैल गई। 40 से ज्यादा गाड़ियां इसकी चपेट में आ गई थी। हादसा इतना भयंकर था कि 27 लोग गंभीर रूप से झुलस गए, जिनमें से 20 की अब तक मौत हो चुकी है। मृतकों में रिटायर्ड आईएएस करणी सिंह भी शामिल थे।