गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के बुलावे पर समाज के लोग पीलूपुरा पहुंचे जहां समाज की महापंचायत हो रही थी। इस महापंचायत में अलग अलग जिलों के साथ दिल्ली, यूपी, एमपी और जम्मू कश्मीर के गुर्जर भी शामिल हुए। सुबह 10 बजे से ही लोगों का जमावड़ा शुरू हो गया। दोपहर तक हजारों की भीड़ हो गई। गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति और सरकार के बीच कई बिंदुओं पर सहमति बन गई थी। विजय बैंसला ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार और वर्तमान सरकार ने समाज के साथ न्याय नहीं किया है। सरकार के साथ हुए समझौते की पालना नहीं की गई। बाद में सरकार की ओर से मिले पत्र को बैंसला पढ़ने लगे। यह पत्र सरकार की ओर से तैयार किया गया मसौदा था जिसमें गुर्जर समाज की मांगों को पूरा करने लिए सरकार द्वारा किए जाने वाले प्रयासों का पूरा कार्यक्रम था। इस मसौदा पत्र को पढ़ने के बाद बैंसला ने सरकार के प्रयास को धन्यवाद दिया और महापंचायत के समापन का ऐलान कर दिया। लेकिन गुर्जर समाज के कुछ युवा इससे नाराज हो गए और ट्रेन रोक दी, पटिरयों को डैमेज करने की कोशिश की। बैंसला ने समाज के लोगों से पटरी पर न बैठने की अपील भी की, लेकिन वे नहीं माने।

जिस रेलवे ट्रैक पर जाकर गुर्जर समाज के लोग बैठ गए। वह दिल्ली से मुंबई जाने वाला रेलवे ट्रैक है। एक ट्रेन रोकने और पटरियों को नुकसान पहुंचाने की सूचना के बाद रेलवे प्रशासन हरकत में आया। बाद में गुर्जर समाज के नेताओं ने लोगों को समझा कर शांत किया। इस दौरान यूपी के विधायक अतुल प्रधान भी रेलवे ट्रैक पर मौजूद रहे और लोगों को समझाते रहे। करीब दो घंटे की गहमागहमी के बाद लोगों ने ट्रैक खाली कर दिया जिसके बाद ट्रेनों की आवाजाही सुचारू हो सकी।

गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति को दिए सरकार की ओर से पत्र जिसमें मसौदा तैयार किया गया था जिसमें गुर्जर समाज की मांगों को पूरा करने लिए सरकार द्वारा किए जाने वाले प्रयासों का पूरा कार्यक्रम था लेकिन सहमति के बाद भी रेलवे ट्रैक पर पहुंचे गुर्जर युवा, जिससे लगता है कि गुर्जर आरक्षण आन्दोलन को अब उत्तरप्रदेश के नेताओं ने किया हाईजैक कर लिया है क्यूंकि ट्रेन रोको में सबसे आगे यूपी के विधायक अतुल प्रधान और उनके सामर्थक नजर आये.

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