जयपुर जिले में संचालित रास्ता खोलो अभियान अब ग्रामीणों एवं किसानों के लिए राहत का दूसरा नाम बन गया है। 7 महीने से भी कम समय में जयपुर जिले में बरसों से बंद एक हजार 182 रास्ते खुलवाकर लाखों ग्रामीणों की खेतों एवं गांवों की राह आसान की है। जयपुर जिले में रास्ता खोलो अभियान के सफल क्रियान्वयन एवं अधिक से अधिक आमजन को लाभांवित करने के लिए जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी स्वयं अभियान की लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। अभियान के तहत रास्ते खुलवाने के मामले में फागी अव्वल है जहां सर्वाधिक 102 रास्ते खुलवाए गए हैं तो वहीं, चौमूं में प्रशासन ने 85 रास्ते खुलवा कर ग्रामीणों को राहत प्रदान की है।

अभियान के नोडल अधिकारी एवं अतिरिक्त जिला कलक्टर एवं श्री देवेन्द्र कुमार जैन ने बताया कि जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी के निर्देशन में प्रत्येक तहसील में हर सप्ताह 3 रास्ते खुलवाकर लाखों ग्रामीणों को राहत प्रदान की जा रही है। रास्ता खोलो अभियान के तहत जिला प्रशासन ने समझाइश एवं सहमति से गांवों, खेतों और ढाणियों के बरसों से बंद पड़े एक हजार 182 रास्ते खुलवाए गए हैं। उन्होंने ने बताया कि 15 नवंबर 2024 से 31 मई 2025 तक अभियान के तहत जयपुर तहसील में 4 रास्ते, कालवाड़ तहसील में 8 रास्ते, आमेर तहसील में 64 रास्ते, जमवारामगढ़ तहसील में 54 रास्ते, आंधी तहसील में 62 रास्ते, बस्सी तहसील में 62 रास्ते, तूंगा तहसील में 44 रास्ते खुलवाए गए। वहीं, शाहपुरा तहसील में 73 रास्ते, जोबनेर तहसील में 65 रास्ते, किशनगढ़-रेनवाल तहसील में 55 रास्ते, फुलेरा तहसील में 63 रास्ते, रामपुरा-डाबड़ी तहसील में 50 रास्ते, जालसू तहसील में 41 रास्ते, सांगानेर तहसील में 26 रास्ते खुलवाए गए। उन्होंने ने बताया कि चाकसू तहसील में 68 रास्ते, कोटखावदा तहसील में 49 रास्ते, माधोराजपुरा तहसील में 65 रास्ते, दूदू तहसील में 61 रास्ते एवं मौजमाबाद तहसील में 81 रास्ते खुलवाए गए।
उन्होंने बताया कि जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने अधिकारियों को रास्ता खोलो अभियान के तहत बंद रास्ते खुलवाए जाने के पश्चात खोले गए रास्तों पर ग्रेवेल, सी.सी. रोड़ बनवाये जाने की कार्यवाही भी जल्द से जल्द अमल में लाने के निर्देश दिये हैं, इन निर्देशों की अनुपालना में अधिकांश स्थानों पर ग्रेवल रोड बनाने की कार्यवाही भी आरंभ की जा चुकी है। वहीं, जिन रास्तों के वाद न्यायालय में विचाराधीन है परिवादियों द्वारा संबंधित न्यायालय से ही अनुतोष प्राप्त किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में रास्तों की भूमि पर अतिक्रमण को लेकर जनसुनवाई के दौरान बड़ी संख्या में परिवाद प्राप्त होते हैं। रास्तों को लेकर न्यायालय में भी वाद दायर किए जाते रहते हैं। ऐसे प्रकरणों में निरन्तर बढ़ोतरी होने से आमजन को न्यायालय के चक्कर लगाने एवं जन-धन की हानि होने के साथ-साथ क्षेत्र की कानून व्यवस्था भी प्रभावित होती है। इसलिए प्रशासन ने रास्ते सम्बन्धी समस्याओं के निराकरण के लिए ‘रास्ता खोलो अभियान’ चलाने का निर्णय लिया गया।

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